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''खून के आँसू बहा रहे हम"
"गाँव छोड़ने मजबूर हैं हम''
हे गोलू देवता जागो जागो जागो, अपना मौन तोड़ो, रक्षा करो अपने गाँव, खेत खलिहानों की
जय गोलू ,मेरे ईष्ट ग्राम देवता आपको मेरी वन्दना एवं प्रणाम। हे मेरे
देवता आज आप मौन क्यों। मैं आपसे जाग्रत भाव में आह्ववान कर रहा हूँ। जागो
जागो ,अपना मौन तोड़ो। हे देवता आज तेरे गाँव,तेरे क्षेत्र में असुरीय
शक्तियाँ भेष बदल-२ कर, तेरे गाँव को, जो कि कभी हरे-भरे, लहराते हुये,
तेरी जय जयकार की अावाज से भरे पड़े थे उनको शम्शान की तरह वीरान कर
रहे हैं। से असुरीय अपने ही लोगों के शरीर में प्रवेश किये हुये हैं। हे
ईष्ट देवता जिन भ्रष्ट असुर रूपी राजनेताओं ने तुम्हारे लोगों को मजबूर
किया है अपना घर छोड़ने के लिये उनको दण्ड दो। जिससे की आपके उजड़ते गाँव
फिर से तेरे भक्तों की आवाज से लहरा एवं चहक उठें। हे आदि देवता गोलू कब
मौन तोड़ोगे। अगर आपने अपना मौन जल्दी नहीं तोड़ा तो तेरे ये बचे हुये भक्त
भी अपना घर छोड़ने के लिये मजबूर होंगे और तेरे ग्राम मन्दिरों में तेरी
दिया जलाने के लिये कोई भी नहीं होगा। हे मेरे देवता दण्डित करना उन असुर
रूपी राजनेताओं को जिन्होंने तेरे भक्तों को मजबूर किया अपना घर छोड़ने के
लिये। हे गोलू देवता मेरी पुकार को स्वीकार करना और अगर मैंने गलत कहा तो
मुझे दण्ड देना।निराश हूँ, हताश हूँ फिर भी तुम्हारे आशीर्वाद से इन असुरों
से लड़ूगा। जागो जागो जागो, अपने भक्तों के साथ इंसाफ करो।
''जय बदरी जय बागेश्वर , जय केदार जय जागेश्वर''
संपर्क -9927067028 , राजपुर रोड देहरादून
स्वामी दर्शन भारती
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